Sources of history of rajasthan राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत
राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत
(A) पुरातात्विक सामाग्री - खोजों एवं उत्खनन से मिलने वाली एतिहासिक सामाग्री, सिक्के, गुहालेख, शिलालेख, एवं ताम्रलेख आदि।
- घोसुंडी शिलालेख- नगरी (चित्तौड़) के निकट घोसुंडी गाँव मे प्राप्त। इसमे संस्कृत भाषा मे द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व अश्वमेघ यज्ञ करने एवं चारदीवारी बनाने का उल्लेख है। डॉ॰ डी॰आर॰भंडारकर ने सर्वप्रथम पढ़ा।
- नगरी का शिलालेख - नगरी से डॉ॰ भंडारकर को प्राप्त जिसमे नागरी लिपि संस्कृत में 424 ई॰ में विष्णु पुजा का उल्लेख है। अजमेर संग्रहालय मे स्थित है।
- नांदसा यूप स्तम्भ लेख - भीलवाड़ा के निकट नांदसा स्थान पर सरोवर मे प्राप्त गोल स्तम्भ पर उत्कीर्ण 225 ई॰ पूर्व का। स्थापना सोम द्वारा की गई थी
- सांमोली शिलालेख- सांमोली (भोमट-उदयपुर) मे प्राप्त ये अभिलेख 646 ई॰ के मेवाड़ के गुहिल शासक शिलादित्य के समय का है।
- अपराजित का शिलालेख- नागदा गाँव के कुंडेश्वर मंदिर में मिले 661 ई॰ के इस शिलालेख में गुहिल शासक अपराजित की विजयों का वर्णन है।
- मंडोर का शिलालेख- 685 ई॰ के आसपास विष्णु एवं शिव की पुजा पर प्रकाश पड़ता है। दूसरा शिलालेख 837 ई॰ में बाऊक मे खुदवाया जिसमे प्रतिहर शासकों के बारे में जानकारी मिलती है।
- मानमोरी का लेख - मानसरोवर झील (चित्तौड़) के तट पर ऐक स्तम्भ पर उत्कीर्ण इस लेख में अमृत मंथन एवं उसके सम्बंध में कर तथा चार राजाओं यथा-महेश्वर, भीम, भोज एवं मान का उल्लेख है। यह अभिलेख कर्नल टोड द्वारा इंगलेंड ले जाते समय समुन्द्र में फेंक दिया गया था।
- कणवासा का लेख- कोटा के पास कणवासा गाँव में 738 ई॰ का लेख जिसमें धवल नामक मौर्यवंशी राजा का उल्लेख है।
- चाटसू की प्रशस्ति- चाटसू जयपुर में 813 ई॰ के लेख में गुहिल वंशीय राजाओं की वंशावली दर्ज है,
- घटियाला के शिलालेख- 861 ई॰ के लेख जोधपुर मे स्थित जिसमें प्रतिहर नरेश कुक्कुक का वर्णन है।
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