Sources of history of rajasthan राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत

राजस्थान के इतिहास के स्त्रोत 

 (A) पुरातात्विक सामाग्री -   खोजों एवं उत्खनन से मिलने वाली एतिहासिक सामाग्री, सिक्के, गुहालेख, शिलालेख, एवं ताम्रलेख आदि। 
  1.  घोसुंडी शिलालेख- नगरी (चित्तौड़) के निकट घोसुंडी गाँव मे प्राप्त। इसमे संस्कृत भाषा मे द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व अश्वमेघ यज्ञ करने एवं चारदीवारी बनाने का उल्लेख है। डॉ॰ डी॰आर॰भंडारकर ने सर्वप्रथम पढ़ा।
  2. नगरी का शिलालेख - नगरी से डॉ॰ भंडारकर को प्राप्त जिसमे नागरी लिपि संस्कृत में 424 ई॰ में विष्णु पुजा का उल्लेख है। अजमेर संग्रहालय मे स्थित है।
  3. नांदसा यूप स्तम्भ लेख - भीलवाड़ा के निकट नांदसा स्थान पर सरोवर मे प्राप्त गोल स्तम्भ पर उत्कीर्ण 225 ई॰ पूर्व का। स्थापना सोम द्वारा की गई थी
  4. सांमोली शिलालेख- सांमोली (भोमट-उदयपुर) मे प्राप्त ये अभिलेख 646 ई॰ के मेवाड़ के गुहिल शासक शिलादित्य के समय का है।
  5. अपराजित का शिलालेख- नागदा गाँव के कुंडेश्वर मंदिर में मिले 661 ई॰ के इस शिलालेख में गुहिल शासक अपराजित की विजयों का वर्णन है।
  6. मंडोर का शिलालेख- 685 ई॰ के आसपास विष्णु एवं शिव की पुजा पर प्रकाश पड़ता है। दूसरा शिलालेख 837 ई॰ में बाऊक मे खुदवाया जिसमे प्रतिहर शासकों के बारे में जानकारी मिलती है।
  7. मानमोरी का लेख -  मानसरोवर झील (चित्तौड़) के तट पर ऐक स्तम्भ पर उत्कीर्ण इस लेख में अमृत मंथन एवं उसके सम्बंध में कर तथा चार राजाओं यथा-महेश्वर, भीम, भोज एवं मान का उल्लेख है। यह अभिलेख कर्नल टोड द्वारा इंगलेंड ले जाते समय समुन्द्र में फेंक दिया गया था।
  8. कणवासा का लेख- कोटा के पास कणवासा गाँव में 738 ई॰ का लेख जिसमें धवल नामक मौर्यवंशी राजा का उल्लेख है।
  9.  चाटसू की प्रशस्ति- चाटसू जयपुर में 813 ई॰ के लेख में गुहिल वंशीय राजाओं की वंशावली दर्ज है,
  10. घटियाला के शिलालेख- 861 ई॰ के लेख जोधपुर मे स्थित जिसमें प्रतिहर नरेश कुक्कुक का वर्णन है। 

पृथ्वी के प्रमुख घटक prithwi ke pramukh gatak

पृथ्वी के प्रमुख घटक

पृथ्वी मानव जीवन के दैनिक उपयोग के लिए प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध करवाती है। इन प्राकृतिक संसाधनों में हवा, पानी, मिट्टी, खनिज के साथ-साथ जलवायु और सौर ऊर्जा  भी शामिल हैं जो प्रकृति का निर्जीव या अजैविक भाग कहलाता है। जैविक या प्रकृति के सजीव भाग पौधों, जानवरों और रोगाणुओं से मिलकर बनते हैं। भौतिक भूगोल की दृष्टि से, पृथ्वी चार प्रमुख घटकों से बनती है: वायुमंडल, जीवमंडल, स्थलमंडल, और जलमण्डल।
पृथ्वी के संसाधन
1) वायुमंडल: वायुमंडल पृथ्वी पर एक सुरक्षा कवच का निर्माण करता है। सबसे निम्नतम परत, क्षोभमंडल है। क्षोभमंडल  हमारे जीवित रहने के लिए एकमात्र जरूरी गरम हिस्सा है जो केवल 12 किलोमीटर घना है। समताप मंडल 50 किलोमीटर घना है और सल्फेट की एक परत इसमें शामिल है जो बारिश होने के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें ओजोन की परत भी शामिल है, जो पराबैंगनी (अल्ट्रा वायलेट) प्रकाश को अवशोषित करती है जिसके कारण पृथ्वी पर कैंसर रोग फैलता है,  इसके बगैर पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। यह एक जटिल गतिशील प्रणाली है। यदि इसकी प्रणाली बाधित होती है तो यह पूरी मानव जाति को प्रभावित करती है। हवा के प्रमुख प्रदूषक औद्योगिक इकाइयों द्वारा निर्मित होते हैं जो हवा में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और जहरीले धुएं के रूप में विभिन्न प्रकार की गैसें छोड़ते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड का बिलडिप (buildup) जिसे वायुमंडल में 'ग्रीनहाउस प्रभाव' के रूप में जाना जाता है, वर्तमान ग्लोबल वार्मिंग में अग्रणी भूमिका निभाता है।
धुंध (स्मॉग): जीवाश्म ईंधन के दहन से भी हवा में छोड़े गये कणों की मात्रा बढ़ जाती है। इन सभी प्रदूषकों के उच्च स्तर की उपस्थिति दृश्यता में कमी का कारण बनती है विशेषकर ठंड के मौसम में जब पानी जम जाता है। इसे धुंध के रूप में जाना जाता है और यह वायु प्रदूषण का जीता जागता संकेत है।
2) जलमण्डल: जलमंडल पृथ्वी की दो तिहाई हिस्से को कवर करता है। जलमंडल का एक प्रमुख हिस्सा, सागर का समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र है। जबकि केवल एक छोटे से हिस्से में ताजा पानी होता है। नदियों, झीलों और ग्लेशियरों में ताजा पानी हमेशा वाष्पीकरण और वर्षा की एक प्रक्रिया से नवीकृत हो जाता है। इसमें से कुछ ताजा पानी भूमिगत जलवाही स्तर में निहित होता है। वनों की कटाई जैसी मानवीय गतिविधियां जलमंडल में गंभीर परिवर्तन अथवा संकट पैदा करती हैं। जब एक बार वनस्पति की भूमि परत निकल जाती है तो बारिस के कारण मिट्टीसमुद्र में  बह कर चली जाती है / इसी प्रकार उद्योग और सीवेज से रसायन नदियों और समुद्र में बहने या फैलने लगते हैं।
कॉलिफोर्म मानव आंतों में पाया जाने वाला एक बैक्टीरिया का समूह है जिसकी पानी में उपस्थिति, सूक्ष्मजीवों रोगों को जन्म देने के कारण बनता है।
गंगा एक्शन प्लान:  गंगा में पानी की बहुत खराब गुणवत्ता के कारण यह करोड़ों रुपये के परियोजना की शुरूआत 1985 में की गयी थी।
3) स्थलमंडल: स्थलमंडल का गठन एक गर्म पदार्थ के रूप में लगभग 4.6 बिलियन वर्ष पहले हुआ था। लगभग 3.2 अरब साल पहले पृथ्वी काफी ठंडी हो गयी और अदभुत घटना घटित हुई- कि हमारे नक्षत्र पर जीवन की शुरूआत हुई। पृथ्वी की पपड़ी 6 या 7 किलोमीटर घनी या मोटी है और महाद्वीपों में बंटी हुई है। स्थलमंडल के 92 तत्वों में केवल आठ क्रस्टल चट्टाने ही आम घटक हैं। इन घटकों में होती हैं:
  • 47%, ऑक्सीजन होती है
  • 28% सिलिकॉन होती है,
  • 8%, अल्युमिनियम होती है
  • 5%, आयरन होती है
  • जबकि सोडियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम और कैल्शियम प्रत्येक 4% निहित होती है।

ये तत्व एक साथ लगभग 200 आम खनिज यौगिकों का निर्माण करते हैं। जब चट्टानें टूटती हैं तो उस मिट्टी का गठन करते हैं जिस पर मनुष्य खेती के लिए निर्भर रहता है। उनका खनिज भी कच्चा माल होता हैं जिसे विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किया जाता हैं।
 मिट्टी एक मिश्रण है। इसमें चट्टान के छोटे कण (विभिन्न आकार के) शामिल होते हैं। इसमें जीवीत जीवों के सड़े हुए टुक़डे (मल) भी शामिल होते हैं। जिसे खाद कहा जाता है। इसके अतिरिक्त, मिट्टी की गुणवत्ता का निर्णय इसमें पाये जाने वाले कणों के आकार से किया जाता है। मिट्टी की गुणवत्ता का निर्णय खाद और इसमें पाये जाने वाले सूक्ष्म जीवों की मात्रा से लिया जाता है। खाद मिट्टी की संरचना तय करने में एक प्रमुख कारक है क्योंकि इस कारण मिट्टी और अधिक छिद्रपूर्ण हो जाती है और पानी तथा हवा को भीतर तक भूमिगत होने में मदद करती है। खनिज पोषक तत्व जो विशेष मिट्टी में पाये जाते हैं वो उन चट्टानों पर निर्भर रहते हैं जिनसे उनका निर्माण होता है। एक मिट्टी की पोषक तत्व सामग्री, खाद में मौजूद इसकी मात्रा और मिट्टी की गहराई के कुछ कारक यह निर्णय करते हैं कि धरती पर कौन से पौधे पनप सकते हैं। 
जीवमंडल: यह पृथ्वी पर अपेक्षाकृत पतली परत है जिसमें जिंदगी मौजूद हो सकती है। इसमें हवा, पानी, चट्टानें और मिट्टी जो संरचनात्मक और कार्यात्मक पारिस्थितिक इकाइयों का गठन करती हैं जिसे एक साथ विशाल वैश्विक जीवित रहने वाले प्रणाली के रूप में जाना जा सकता है और इसे हमारी पृथ्वी के रूप में जाना जाता है। इस ढांचे के भीतर, मोटे तौर पर इसी तरह के भूगोल और जलवायु की विशेषता के साथ-साथ पौधों और पशु जीवन के समुदायों के विभिन्न जैव भौगोलिक स्थानों को सुविधानुसार विभाजित किया जा सकता है। ये अलग-अलग महाद्वीपों में होते हैं। इन के भीतर, छोटी-छोटी जैव-भौगोलिक इकाइयां संरचनात्मक अंतर के आधार पर पहचानी जा सकती हैं और विशिष्ट जानने योग्य पारिस्थितिक तंत्र के कार्यात्मक पहलुओं के एक परिदृश्य को एक विशिष्ट गुण प्रदान करते हैं। इस पारिस्थितिक तंत्र को समझने के लिए एक सरलतम उदाहरण एक तालाब है। यह किसी भी अन्य पारिस्थितिकी तंत्र की प्रकृति को समझने के लिए एक मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है और मूल्यांकन करने के लिए समय परिवर्तन के साथ इसे किसी भी पारिस्थितिकी तंत्र में देखा जा सकता है।

 चट्टानें

  • चट्टान पृथ्वी की सतह के कठोर भाग होते है जो पृथ्वी की बाहरी परत की संरचना की मूलभूत इकाइयाँ (Fundamental Units) है !
  • इन्हीं चट्टानों से पर्वत और पठारों का पृथ्वी पर निर्माण हुआ है !
  • पृथ्वी की ऊपरी परत Crust का निर्माण चट्टानों से हुआ है !
  • चट्टानों का अध्ययन करने वाले विज्ञान को Patrology कहते है !
  • चट्टान भू-पटल में पाए जाने वाले ठोस पदार्थ है जो खनिजों के समूह होते है !
  • भू-पटल में पाए जाने वाले चट्टान निर्माणकारी खनिजों (Formating minerals) में फेल्सपार (Felspar) सबसे अधिक पाया जाता है !
  • अब तक पृथ्वी मे पाए जाने वाले कुल 118 तत्व पाए गए है !
  • इनमें से 8 तत्व Crust के 98% भाग का निर्माण करते है !

चट्टानों के प्रकार (Types of Rocks) –

  1. आग्नेय चट्टान (Igneous Rocks)
  2. अवसादी/ परतदार (Sedimentary rocks)
  3. रूपातंरित / कायान्तरित (Metamorphic Rocks)

आग्नेय चट्टानें –

  • पृथ्वी की उत्पत्ति के बाद सबसे पहले इन्हीं चट्टानों का निर्माण हुआ है !
  • इसलिए इन्हें प्राथमिक चट्टान कहा जाता है !
  • आग्नेय चट्टानों का निर्माण मेग्मा तथा लावा के ठण्डे होकर जमा होने से होता है !
  • आग्नेय चट्टानों मे परतों (Layers) का अभाव पाया जाता है !
  • ये चट्टानें ज्वालामुखी क्षेत्रों में अधिक पाई जाती है !
  • आग्नेय चट्टानों में धात्विक खनिज (Metalic Minerals) अधिकता मे पाए जाते है !
  • आग्नेय चट्टानों में जीवाष्म (Fossils) का अभाव पाया जाता है !
  • Granite, Besalt, Grabo, Diorite, Pegmatites, Syenite 
GK Trick 
बेबी की गैस पर ग्रीन पेडा
बे         - बेसाल्ट
बी        - बिटुमिनस कोयला
गै        - ग्रेबो
स        - साइनाइट
ग्रीन    -ग्रेनाइट
पे        - पेग्माटाइट
डा       - डायोराइट

अवसादी चट्टानें –

  • परतदार अवसादी चट्टानों का निर्माण नदी, वायु, सागरी तरंगों के चट्टानी अपरदन क्रिया से प्राप्त पदार्थों के जमाव से होता है !
  • इन चट्टानों में जीवाष्म (Fossils) की प्रप्ति होती है !
  • सम्पूर्ण भू पृष्ठ (Earth surface) के लगभग 75% भाग पर अवसादी चट्टानों का विस्तार पाया जाता है !
  • जबकि भू पृष्ठ की बनावट में अवसादी चट्टानों का योगदान मात्र 5% है !
  • अवसादी चट्टानों मे खनिज, तेल की प्राप्ति होती है !
  • उदा. चूना पत्थर (Lime Stone), कोयला, बलूआ पत्थर (Sand Stone), चीका मिट्टी (Clay)
  • अवसादी चट्टानों में सबसे अधिक भाग Clay 80% का होता है !

कायान्तरित/ रूपांतरित चट्टानें –  आवसादी और आग्नेय चट्टानों में ताप और दाब के कारण परिवर्तन या रूपान्तरण हो जाने से कायान्तरित चट्टानों का निर्माण होता है !
मूल चट्टान –  कायान्तरित चट्टान
  1. ग्रेनाइट – नीस
  2. बेसाल्ट – ग्रेबो
  3. बलुआ पत्थर – क्वार्टजाइट
  4. शैल – स्लेट
  5. स्लेट – फाइलाइट
  6. चूना पत्थर – संगमरमर
  7. फाइलाइट – सिस्ट
  8. कोयला – ग्रेफाइट
  9. ग्रेफाइट – हीरा
चट्टान या शैल संबंधित महत्त्वपूर्ण तथ्य –
  • बेसाल्ट में लोहे की मात्रा सर्वाधिक होती है। इस चट्टान के क्षरण से काली मिट्टी बनती है !
  • ग्रेनाइट अम्लीय आग्नेय चट्टान है, इसमें सिलिका की मात्रा अधिक होती है !
  • बेसाल्ट, ग्रेब्रो एवं रायोलाइट क्षारीय आग्नेय चट्टानें है। इनमें फेरी-मैग्नीषियम की प्रधानता होती है। इनका रंग अधिक गहरा होता है !
  • दामोदर महानदी तथा गोदावरी नदी बेसिनों की अवसादी चट्टानों में कोयला पाया जाता है !

Indian constitution Articals अनुच्छेद

सारे अनुच्छेद एक साथ Indian Constitution Articles:-
***************
*अनुच्छेद 1* :- संघ का नाम और राज्य क्षेत्र
*अनुच्छेद 2* :- नए राज्यों का प्रवेश या स्थापना
*अनुच्छेद 3* :- राज्य का निर्माण तथा सीमाओं या नामों मे
परिवर्तन
*अनुच्छेद 4* :- पहली अनुसूचित व चौथी अनुसूची के संशोधन तथा दो और तीन के अधीन बनाई गई विधियां
*अच्नुछेद 5* :- संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
*अनुच्छेद 6* :- भारत आने वाले व्यक्तियों को नागरिकता
*अनुच्छेद 7* :-पाकिस्तान जाने वालों को नागरिकता
*अनुच्छेद 8* :- भारत के बाहर रहने वाले व्यक्तियों का नागरिकता
*अनुच्छेद 9* :- विदेशी राज्य की नागरिकता लेने पर नागरिकता का ना होना
*अनुच्छेद 10* :- नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
*अनुच्छेद 11* :- संसद द्वारा नागरिकता के लिए कानून का विनियमन
*अनुच्छेद 12* :- राज्य की परिभाषा
*अनुच्छेद 13* :- मूल अधिकारों को असंगत या अल्पीकरण करने वाली विधियां
*अनुच्छेद 14* :- विधि के समक्ष समानता
*अनुच्छेद 15* :- धर्म जाति लिंग पर भेद का प्रतिशेध
*अनुच्छेद 16* :- लोक नियोजन में अवसर की समानता
*अनुच्छेद 17* :- अस्पृश्यता का अंत
*अनुच्छेद 18* :- उपाधीयों का अंत
*अनुच्छेद 19* :- वाक् की स्वतंत्रता
*अनुच्छेद 20* :- अपराधों के दोष सिद्धि के संबंध में संरक्षण
**
*अनुच्छेद 21* :-प्राण और दैहिक स्वतंत्रता
*अनुच्छेद 21 क* :- 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा का अधिकार
*अनुच्छेद 22* :- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी से सरंक्षण
*अनुच्छेद 23* :- मानव के दुर्व्यापार और बाल आश्रम
*अनुच्छेद 24* :- कारखानों में बालक का नियोजन का प्रतिशत
*अनुच्छेद 25* :- धर्म का आचरण और प्रचार की स्वतंत्रता
**
*अनुच्छेद 26* :-धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता
*अनुच्छेद 29* :- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
*अनुच्छेद 30* :- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
*अनुच्छेद 32* :- अधिकारों को प्रवर्तित कराने के लिए उपचार
*अनुच्छेद 36* :- परिभाषा
*अनुच्छेद 40* :- ग्राम पंचायतों का संगठन
*अनुच्छेद 48* :- कृषि और पशुपालन संगठन
*अनुच्छेद 48क* :- पर्यावरण वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
*अनुच्छेद 49:-* राष्ट्रीय स्मारक स्थानों और वस्तुओं का संरक्षण
*अनुछेद. 50* :- कार्यपालिका से न्यायपालिका का प्रथक्करण
*अनुच्छेद 51* :- अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा
*अनुच्छेद 51क* :- मूल कर्तव्य
*अनुच्छेद 52* :- भारत का राष्ट्रपति
*अनुच्छेद 53* :- संघ की कार्यपालिका शक्ति
*अनुच्छेद 54* :- राष्ट्रपति का निर्वाचन
*अनुच्छेद 55* :- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीती
*अनुच्छेद 56* :- राष्ट्रपति की पदावधि
*अनुच्छेद 57* :- पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
*अनुच्छेद 58* :- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए आहर्ताए
*अनुच्छेद 59* :- राष्ट्रपति पद के लिए शर्ते
*अनुच्छेद 60* :- राष्ट्रपति की शपथ
*अनुच्छेद 61* :- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
*अनुच्छेद 62* :- राष्ट्रपति पद पर व्यक्ति को भरने के लिए निर्वाचन का समय और रीतियां
*अनुच्छेद 63* :- भारत का उपराष्ट्रपति
*अनुच्छेद 64* :- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन सभापति होना
*अनुच्छेद 65* :- राष्ट्रपति के पद की रिक्त पर उप राष्ट्रपति के कार्य
*अनुच्छेद 66* :- उप-राष्ट्रपति का निर्वाचन
*अनुच्छेद 67* :- उपराष्ट्रपति की पदावधि
*अनुच्छेद 68* :- उप राष्ट्रपति के पद की रिक्त पद भरने के लिए निर्वाचन
*अनुच्छेद69* :- उप राष्ट्रपति द्वारा शपथ
**
*अनुच्छेद 70* :- अन्य आकस्मिकता में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
*अनुच्छेद 71*. :- राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधित
विषय
*अनुच्छेद 72* :-क्षमादान की शक्ति
*अनुच्छेद 73* :- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
*अनुच्छेद 74* :- राष्ट्रपति को सलाह देने के लिए मंत्रिपरिषद
*अनुच्छेद 75* :- मंत्रियों के बारे में उपबंध
*अनुच्छेद 76* :- भारत का महान्यायवादी
*अनुच्छेद 77* :- भारत सरकार के कार्य का संचालन
*अनुच्छेद 78* :- राष्ट्रपति को जानकारी देने के प्रधानमंत्री के
कर्तव्य
*अनुच्छेद 79* :- संसद का गठन
*अनुच्छेद 80* :- राज्य सभा की सरंचना
**
*अनुच्छेद 81* :- लोकसभा की संरचना
*अनुच्छेद 83* :- संसद के सदनो की अवधि
*अनुच्छेद 84* :-संसद के सदस्यों के लिए अहर्ता
*अनुच्छेद 85* :- संसद का सत्र सत्रावसान और विघटन
*अनुच्छेद 87* :- राष्ट्रपति का विशेष अभी भाषण
*अनुच्छेद 88* :- सदनों के बारे में मंत्रियों और महानयायवादी
अधिकार
*अनुच्छेद
89* :-राज्यसभा का सभापति और उपसभापति
*अनुच्छेद 90* :- उपसभापति का पद रिक्त होना या पद हटाया
जाना
*अनुच्छेद 91* :-सभापति के कर्तव्यों का पालन और शक्ति
*अनुच्छेद 92* :- सभापति या उपसभापति को पद से हटाने का
संकल्प विचाराधीन हो तब उसका पीठासीन ना होना
*अनुच्छेद 93* :- लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
*अनुचित 94* :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना
*अनुच्छेद 95* :- अध्यक्ष में कर्तव्य एवं शक्तियां
*अनुच्छेद 96* :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का संकल्प हो तब
उसका पीठासीन ना होना
*अनुच्छेद 97* :- सभापति उपसभापति तथा अध्यक्ष,उपाध्यक्ष के
वेतन और भत्ते
*अनुच्छेद 98* :- संसद का सविचालय
*अनुच्छेद 99* :- सदस्य द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
*अनुच्छेद 100* - संसाधनों में मतदान रिक्तियां के होते हुए भी
सदनों के कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
*अनुच्छेद 108* :- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
*अनुत्छेद 109* :- धन विधेयक के संबंध में विशेष प्रक्रिया
*अनुच्छेद 110* :- धन विधायक की परिभाषा
*अनुच्छेद 111* :- विधेयकों पर अनुमति
*अनुच्छेद 112* :- वार्षिक वित्तीय विवरण
*अनुच्छेद 118* :- प्रक्रिया के नियम
*अनुच्छेद 120* :- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
*अनुच्छेद 123* :- संसद विश्रांति काल में राष्ट्रपति की अध्यादेश शक्ति
*अनुच्छेद 124* :- उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
*अनुच्छेद 125* :- न्यायाधीशों का वेतन
*अनुच्छेद 126* :- कार्य कार्य मुख्य न्याय मूर्ति की नियुक्ति
*अनुच्छेद 127* :- तदर्थ न्यायमूर्तियों की नियुक्ति
*अनुच्छेद 128* :- सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की उपस्थिति
*अनुच्छेद 129* :- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख नयायालय होना
*अनुच्छेद 130* :- उच्चतम न्यायालय का स्थान
**
*अनुच्छेद 131* :- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
*अनुच्छेद 137* :- निर्णय एवं आदेशों का पुनर्विलोकन
*अनुच्छेद 143* :- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की
राष्ट्रपति की शक्ति
*अनुच्छेद144* :-सिविल एवं न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा
उच्चतम न्यायालय की सहायता
*अनुच्छेद 148* :- भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक
*अनुच्छेद 149* :- नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्य शक्तिया
*अनुच्छेद 150* :- संघ के राज्यों के लेखन का प्रारूप
*अनुच्छेद 153* :- राज्यों के राज्यपाल
*अनुच्छेद 154* :- राज्य की कार्यपालिका शक्ति
*अनुच्छेद 155* :- राज्यपाल की नियुक्ति
*अनुच्छेद 156* :- राज्यपाल की पदावधि
*अनुच्छेद 157* :- राज्यपाल नियुक्त होने की अर्हताएँ
*अनुच्छेद 158* :- राज्यपाल के पद के लिए शर्तें
*अनुच्छेद 159* :- राज्यपाल द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
*अनुच्छेद 163* :- राज्यपाल को सलाह देने के लिए मंत्री परिषद
*अनुच्छेद 164* :- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध
*अनुच्छेद 165* :- राज्य का महाधिवक्ता
*अनुच्छेद 166* :- राज्य सरकार का संचालन
*अनुच्छेद 167* :- राज्यपाल को जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
*अनुच्छेद 168* :- राज्य के विधान मंडल का गठन
*अनुच्छेद 170* :- विधानसभाओं की संरचना
*अनुच्छेद 171* :- विधान परिषद की संरचना
*अनुच्छेद 172* :- राज्यों के विधानमंडल कि अवधी
*अनुच्छेद 176* :- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
*अनुच्छेद 177* सदनों के बारे में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
*अनुच्छेद 178* :- विधानसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
*अनुच्छेद 179* :- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना या
पद से हटाया जाना
*अनुच्छेद 180* :- अध्यक्ष के पदों के कार्य व शक्ति
**
*अनुच्छेद 181* :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष को पद से हटाने का कोई
संकल्प पारित होने पर उसका पिठासिन ना होना
*अनुच्छेद 182* :- विधान परिषद का सभापति और उपसभापति
*अनुच्छेद 183* :- सभापति और उपासभापति का पद रिक्त होना
पद त्याग या पद से हटाया जाना
*अनुच्छेद 184* :- सभापति के पद के कर्तव्यों का पालन व शक्ति
*अनुच्छेद 185* :- संभापति उपसभापति को पद से हटाए जाने का
संकल्प विचाराधीन होने पर उसका पीठासीन ना होना
*अनुच्छेद 186* :- अध्यक्ष उपाध्यक्ष सभापति और उपसभापति
के वेतन और भत्ते
*अनुच्छेद 187* :- राज्य के विधान मंडल का सविचाल.
*अनुच्छेद 188* :- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
*अनुच्छेद 189* :- सदनों में मतदान रिक्तियां होते हुए भी साधनों का कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
*अनुच्छेद 199* :- धन विदेश की परिभाषा
*अनुच्छेद 200* :- विधायकों पर अनुमति
*अनुच्छेद 202* :- वार्षिक वित्तीय विवरण
*अनुच्छेद 213* :- विध
ानमंडल में अध्यादेश सत्यापित करने के
राज्यपाल की शक्ति
*अनुच्छेद 214* :- राज्यों के लिए उच्च न्यायालय
*अनुच्छेद 215* :- उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
*अनुच्छेद 216* :- उच्च न्यायालय का गठन
*अनुच्छेद 217* :- उच्च न्यायालय न्यायाधीश की नियुक्ति
पद्धति शर्तें
*अनुच्छेद 221* :- न्यायाधीशों का वेतन
**
*अनुच्छेद 222* :- एक न्यायालय से दूसरे न्यायालय में
न्यायाधीशों का अंतरण
*अनुच्छेद 223* :- कार्यकारी मुख्य न्याय मूर्ति के नियुक्ति
*अनुच्छेद 224* :- अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति
*अनुच्छेद 226* :- कुछ रिट निकालने के लिए उच्च न्यायालय की शक्ति
*अनुच्छेद 231* :- दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
*अनुच्छेद 233* :- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
*अनुच्छेद 241* :- संघ राज्य क्षेत्र के लिए उच्च-न्यायालय
**
*अनुच्छेद 243* :- पंचायत नगर पालिकाएं एवं सहकारी समितियां
*अनुच्छेद 244* :- अनुसूचित क्षेत्रो व जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
*अनुच्छेद 248* :- अवशिष्ट विधाई शक्तियां
*अनुच्छेद 252* :- दो या अधिक राज्य के लिए सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति
*अनुच्छेद 254* :- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडल द्वारा बनाए गए विधियों में असंगति
*अनुच्छेद 256* :- राज्यों की और संघ की बाध्यता
*अनुच्छेद 257* :- कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
*अनुच्छेद 262* :- अंतर्राज्यक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी
विवादों का न्याय निर्णय
*अनुच्छेद 263* :- अंतर्राज्यीय विकास परिषद का गठन
*अनुच्छेद 266* :- संचित निधी
*अनुच्छेद 267* :- आकस्मिकता निधि
*अनुच्छेद 269* :- संघ द्वारा उद्ग्रहित और संग्रहित किंतु राज्यों
को सौपे जाने वाले कर
*अनुच्छेद 270* :- संघ द्वारा इकट्ठे किए कर संघ और राज्यों के
बीच वितरित किए जाने वाले कर
*अनुच्छेद 280* :- वित्त आयोग
*अनुच्छेद 281* :- वित्त आयोग की सिफारिशे
*अनुच्छेद 292* :- भारत सरकार द्वारा उधार लेना
*अनुच्छेद 293* :- राज्य द्वारा उधार लेना
&अनुच्छेद 300 क* :- संपत्ति का अधिकार
*अनुच्छेद 301* :- व्यापार वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
*अनुच्छेद 309* :- राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तों
*अनुच्छेद 310* :- संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि
*अनुच्छेद 313* :- संक्रमण कालीन उपबंध
*अनुच्छेद 315* :- संघ राज्य के लिए लोक सेवा आयोग
*अनुच्छेद 316* :- सदस्यों की नियुक्ति एवं पदावधि
*अनुच्छेद 317* :- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाया
जाना या निलंबित किया जाना
*अनुच्छेद 320* :- लोकसेवा आयोग के कृत्य
*अनुच्छेद 323 क* :- प्रशासनिक अधिकरण
*अनुच्छेद 323 ख* :- अन्य विषयों के लिए अधिकरण
*अनुच्छेद 324* :- निर्वाचनो के अधिक्षण निर्देशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
*अनुच्छेद 329* :- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालय के
हस्तक्षेप का वर्णन
*अनुछेद 330* :- लोक सभा में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिये स्थानो का आरणण
*अनुच्छेद 331* :- लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का
प्रतिनिधित्व
*अनुच्छेद 332* :- राज्य के विधान सभा में अनुसूचित जाति और
अनुसूचित जनजातियों के लिए स्थानों का आरक्षण
*अनुच्छेद 333* :- राज्य की विधानसभा में आंग्ल भारतीय
समुदाय का प्रतिनिधित्व
*अनुच्छेद 343* :- संघ की परिभाषा
*अनुच्छेद 344* :- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति
*अनुच्छेद 350 क* :- प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की
सुविधाएं
*अनुच्छेद 351* :- हिंदी भाषा के विकास के लिए निर्देश
*अनुच्छेद 352* :- आपात की उदघोषणा का प्रभाव
*अनुछेद 356* :- राज्य में संवैधानिक तंत्र के विफल हो जाने की
दशा में उपबंध
*अनुच्छेद 360* :- वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
*अनुच्छेद 368* :- सविधान का संशोधन करने की संसद की
शक्ति और उसकी प्रक्रिया
*अनुच्छेद 377* :- भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के बारे में
*उपबंध*
*अनुच्छेद 378* :- लोक सेवा आयोग के बारे

राजस्थान के प्रमुख मेले Rajasthan ke pramukh mele

Important fairs of Rajasthan

चेत्र
फूलडोल मेला                 - रामद्वारा (शाहपुरा, भीलवाडा)            - चेत्र कृष्णा प्रतिपदा से पंचमी तक 
शीतला माता मेला          - शील डूंगरी (चाकसू, जयपुर)                - चेत्र कृष्णा अष्टमी
ऋषभदेव मेला                - ऋषभदेव (धुलेव, उदयपुर)                  - चेत्र कृष्णा अष्टमी- नवमी
मल्लिनाथ पशु मेला       - तिलवाड़ा (बाड़मेर)                              - चेत्र कृष्णा 11 से चेत्रा शुक्ला 11 तक
घोटिया अम्बा मेला         - घोटिया (बारीगमा, बांसवाड़ा)              - चेत्र अमावस्या
कैलादेवी मेला                 - कैलादेवी (करौली)                              - चेत्र शुक्ला एकम से दशमी तक
गणगौर                          - जयपुर व उदयपुर                              - चेत्र शुक्ला तीज
घुडला का मेला               - मारवाड़                                             - चेत्र शुक्ला तीज
श्री महावीर जी मेला       - महावीरजी (करौली)           - चेत्र शुक्ला त्रयोदशी से बैशाख कृष्णा द्वितीया तक
मेहंदीपुर बालाजी मेला   - मेहंदीपुर बालाजी (दौसा)                     - चेत्र पुर्णिमा (हनुमान जयंती)
सालासर बालाजी मेला   - सालासर (सुजंगढ़, चुरू)                      -  चेत्र पुर्णिमा (हनुमान जयंती)
वैसाख  
घिंगागवर बेंतमार मेला     - जोधपुर                                              - वैसाख कृष्णा तृतीया
बाणगंगा मेला                   - विराटनगर (जयपुर)                            - वैसाख पुर्णिमा
गोमती सागर मेला            - झालरापाटन (झालावाड़)                       - वैसाख पुर्णिमा
मातृकुंडिया मेला               - राशमी (हरनाथपुरा, चित्तोडगढ़)           - वैसाख पुर्णिमा
गौमतेश्वर मेला                 -  गौमतेश्वर (अरनोद,चित्तौड़गढ़)          - वैसाख पुर्णिमा
 ज्येष्ठ 
सिताबाड़ी का मेला             - सिताबाड़ी, केलवाड़ा (बाराँ)                   - ज्येष्ठ अमावस्या
प्रताप जयंती                      - हल्दीघाटी (राजसमंद)                         - ज्येष्ठ शुक्ला तृतीया
श्रावण 
कल्पवृक्ष मेला                      - मंगलियास, अजमेर                            - हरियाली अमावस्या
गुरुद्वारा बुड्डा जोहड़ मेला   - गंगानगर                                           - श्रावण अमावस्या
तीज                                     - जयपुर                                               - श्रावण शुक्ला तृतीया
चारभुजा (मीराबाई) मेला       -मेड़ता सिटी (नागौर)                     -  श्रावण शुक्ला एकादशी से सात दिन तक
 भाद्रपद  
कजली तीज                         - बूंदी                                             -  भाद्रपद कृष्ण तृतीया
जन्माष्टमी                          - नाथद्वारा (राजसमंद)                  - भाद्रपद कृष्णा अष्टमी
गोगानवमी                          -  गोगामेड़ी (हनुमानगढ़)                भाद्रपद कृष्णा नवमी
राणी सता का मेला               - झुंझुनू                                         - भद्रपद अमावस्या
बाबा रामदेव मेला                - मसूरिया (जोधपुर)                        - भाद्रपद शुक्ला द्वितीय
गणेश जी का मेला               - रणथंभोर(सवाई माधोपुर)             -  भाद्रपद शुक्ला चतुर्थी
भोजन थाली मेला               - कामाँ (भरतपुर)                            - भाद्रपद शुक्ला पंचमी
नागपंचमी मेला                  - मंडोर (जोधपुर)                            -  भाद्रपद शुक्ला पंचमी
सवाई भोज मेला                 -  सवाई भोज (आसिन्द, भीलवाड़ा)  - भाद्रपद शुक्ला अष्टमी
भर्तृहरि मेला                       - भर्तृहरि (अलवर)                           - भाद्रपद शुक्ला अष्टमी
खेजडली शहीदी मेला           - खेजडली (जोधपुर)                        - भाद्रपद शुक्ला दशमी
संवलिया जी का मेला          - मंडफिया (चित्तौड़गढ़)                  -  भाद्रपद शुक्ला एकादशी
आश्विन (क्वार)  
जशवंत पशु मेला                 - भरतपुर                                       - आश्विन शुक्ला पंचमी से पुर्णिमा
दशहरा मेला                        - कोटा                                           - आश्विन शुक्ला दशमी
कार्तिक  
अन्नकूट मेला                      - नाथद्वारा (राजसमंद )               - कार्तिक शुक्ला एकम
पुष्कर मेला                          - पुष्कर, अजमेर                           - कार्तिक शुक्ला एकादशी से पुर्णिमा
चंद्रभागा मेला                      - झालरापाटन (झालावाड़)             - कार्तिक पुर्णिमा
कपिल मुनि का मेला            - कोलायत, बीकानेर                      - कार्तिक पुर्णिमा
मार्गशीर्ष 
मानगढ़ धाम मेला (आदिवासियों का मेला)- मानगढ़ धाम (बांसवाड़ा) - मार्गशीर्ष पुर्णिमा
पोष  
नाकोड़ा जी का मेला               - नाकोड़ा तीर्थ (मेवानगर, बाढ़मेर)  - पौष कृष्णा दशमी
माघ
श्री चोथ माता का मेला           - चोथ का बरवाड़ा(सवाई माधोपु)     - माघ कृष्णा चतुर्थी
पर्यटन मरू मेला                   - जैसलमेर व सम                            - माघ शुक्ला 13 से 15 तक
बेणेश्वर                               -  बेणेश्वर (साबला,डुंगरपुर)              - माघ पुर्णिमा
फाल्गुन  
शिवरात्रि मेला                      - शिवाड़ (सवाई माधोपुर)                 - फाल्गुन कृष्णा 13
एकलिंग जी मेला                  - कैलाशपुरी (उदयपुर)                     - फाल्गुन कृष्णा 13
रणकपुर मेला                       - रणकपुर (पाली)                            - फाल्गुन शुक्ला 4 व 5 
खाटूश्याम जी मेला               - खाटूश्याम जी (सीकर)                  - फाल्गुन शुक्ला 11-12
डाडा पम्पाराम का मेला        - पम्पाराम का डेरा (गंगानगर)        - फाल्गुन माह


वे मेले जो वर्ष में ऐक बार  से ज्यादा भरते हैं-
करनी माता का मेला            - देशनोक, बीकानेर                         - नवरात्रा (चेत्र व आश्विन)
जीण माता का मेला             - रेवसा ग्राम (सीकर)                       - नवरात्रा (चेत्र व आश्विन)
शाकंभरी माता का मेला       - शाकंभरी (सांभर)                          - नवरात्रा (चेत्र व आश्विन)
इन्द्रगढ़/बिजासन माता का मेला - इन्द्रगढ़, बूंदी                        - नवरात्रा (चेत्र व आश्विन) व वैशाख पुर्णिमा
चंद्रप्रभु मेला                       - तिजारा (अलवर)          - फाल्गुन शुक्ला सप्तमी व श्रावण शुक्ला दशमी
सैपऊ महादेव                    - सैपऊ (धौलपुर)             - फाल्गुन व श्रावण की चतुर्दशी को
कुछ अन्य मेले

बृज महोत्सव                             - भरतपुर                         - फरवरी
गौमतेश्वर (भूरिया बाबा) मेला    - गौमतेश्वर (नाणा स्टेशन,पाली)  - 13 अप्रेल से 15 मई
डिग्गी कल्याण जी का मेला       - डिग्गी मलपुरा (टोंक)                 - अक्टूबर माह
विभिन्न उर्स
ख्वाजा मोइनूद्दीन चिश्ती का उर्स  - अजमेर                                - रज़्जब माह की 1 से 6 तारीख तक
गागरोन उर्स                               - गागरोन, झालावाड़                - ज्येष्ठ शुक्ल एकम (चाँद से)
नरहड़ पीर जी का मेला                - नरहड़, झुंझुनू                        - कृष्ण अष्टमी
तारकिन का उर्स               - नागौर, काजी हमीदुद्दीन नागौरी की दरगाह  - 
गलियाकोट का उर्स          - गलियाकोट, डुंगरपुर                          - मुहरम 27
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भारत के खनिज संसाधन

 भारत के खनिज संसाधन


1. भारत में सबसे पहले 1774 ई. में कोयला उत्खनन कौन से स्थान पर किया गया? [PPSC]
(A) झरिया (B) रानीगंज (C) गिरिडीह (D) कर्णपुरा (Ans : B)

2. सिंहभूम (झारखण्ड) कौन सी धातु के लिए प्रसिद्ध है? [SSC Grad.]
(A) कोयला (B) लोहा (C) ताँबा (D) ऐलुमिनियम (Ans : C)

3. भारत मे गंधक (सल्फर) के उत्पादन में कौन-सा राज्य आगे हैं? [UPSC]
(A) असम (B) महाराष्ट्र (C) पंजाब (D) तमिलनाडु (Ans : B)

4. बड़ौदरा क्षेत्र की मोतीपुरा खान से कौन-सा पत्थर निकाला जाता है? [MP Police]
(A) लाल संगमरमर (B) काला संगमरमर (C) सफेद संगमरमर (D) इनमें से सभी (Ans : C)

5. कौन-सा राज्य मुख्य कोयला उत्पादक नहीं है? [RRB]
(A) छत्तीसगढ़ (B) प. बंगाल (C) महाराष्ट्र (D) राजस्थान (Ans : D)

6. निम्न मे से भारत में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है? [SSC]
(A) केरल (B) ओडिसा (C) मध्य प्रदेश (D) झारखण्ड (Ans : B)

7. कौन से जिलों में से किसी एक में हाल मे हीरायुक्त किम्बरलाइट के वृहत भण्डार पाए गए हैं? [SSC Grad.]
(A) होशंगाबाद (B) रायपुर (C) सम्बलपुर (D) वारंगल (Ans : B)

8. उत्तम किस्म के लौह-अयस्क की प्राप्ति कहाँ से होती है? [LIC (ADO)]
(A) जादूगोड़ा से (B) बैलाडीला से (C) लोहरदगा से (D) अभ्रकी पहाड़ी से (Ans : B)

9. झरिया कौन से खनिज उत्पादन के लिए भारत में विख्यात है? [Force]
(A) लोहा (B) कोयला (C) अभ्रक (D) ताँबा (Ans : B)

10. कर्नाटक में स्थित बाबा बूदन की पहाड़ियाँ किस खनिज के उत्खनन के लिए विख्यात है? [B.Ed.]
(A) यूरेनियम (B) लौह-अयस्क (C) बॉक्साइट (D) मैंगनीज (Ans : B)

11. सोने की सबसे ज्यादा मात्रा उत्पादित करने वाला राज्य है? [SSC]
(A) कर्नाटक (B) आन्ध्र प्रदेश (C) झारखण्ड (D) छत्तीसगढ़ (Ans : A)

12. भारत डाननामाइट लिमिटेड केन्द्र किस शहर मे है? [BPSC (Pre)]
(A) कोलकाता (B) हैदराबाद (C) चेन्नई (D) दिल्ली (Ans : B)

13. किसकी खोज के लिए आन्ध्र प्रदेश का तुमलापल्ली संसार के मानचित्र पर आ गया है? [SSC CPO (SI)]
(A) सबसे बड़ी कोयला खानें (B) सबसे बड़ी अभ्रक (माइका) खानें  (C) सबसे बड़ी टंग्स्टन खानें (D) सबसे बड़ी यूरेनियम खानें (Ans : D)

14. खेतड़ी क्यो प्रसिद्ध है? [RRB]
(A) सोना (B) ताँबा (C) एल्युमिनियम (D) उर्वरक (Ans : B)

15. बैलाडिला क्यो प्रसिद्ध है? [RRB]
(A) बॉक्साइट (B) लौह-अयस्क (C) ताँबा (D) कोयला (Ans : B)

16. निम्न मे से झरिया कोयला की खानें किस राज्य में है? [RRB]
(A) आन्ध्र प्रदेश (B) पश्चिम बंगाल (C) झारखण्ड (D) ओडिसा (Ans : C)

17. निम्न मे से भारत में यूरेनियम की खदान कहाँ है? [RRB]
(A) अल्वाय (B) जादूगोड़ा (C) खेतड़ी (D) सिंहभूम (Ans : B)

18. कौन-सा एक राज्य भारत में अभ्रक का प्रमुख उत्पादक माना जाता है? [UPPSC (Pre)]
(A) झारखण्ड (B) कर्नाटक (C) राजस्थान (D) मध्य प्रदेश (Ans : A)

19. निम्न मे से  जिप्सम प्रचुर मात्रा में कहाँ पाया जाता है? [SSC]
(A) बिहार (B) गुजरात (C) मध्य प्रदेश (D) राजस्थान (Ans : D)
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20. किस आण्विक खनिज के संचित भण्डार की दृष्टि से भारत विश्व में प्रथम स्थान रखता है? [JPSC]
(A) यूरेनियम (B) थोरियम (C) ग्रेफाइट (D) एण्टीमनी (Ans : B)
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REET rajasthan history GK राजस्थान इतिहास

सामान्य ज्ञान 

राजस्थान इतिहास

 प्रश्न=1 सांभर झील का निर्माण किसने करवाया?

(अ) अजय राज

(ब) वासुदेव

(स) अर्णोराज

(द) पृथ्वीराज  
उत्तर - (ब)




प्रश्न=2 पृथ्वीराज तृतीय ने शासन की बागडोर कब संभाली?

(अ) 1175 में

(ब) 1177 में
(स) 1192 में
(द) 1197 में  
उत्तर - (ब)




प्रश्न=3 बदन सिंह को ब्रज राज की उपाधि किसने दी?  

(अ) मानसिंह

(ब) सवाई जय सिंह
(स) राम सिंह
(द) भारमल ं   
उत्तर - (ब)




प्रश्न=4- अभिनव भरताचार्य की उपाधि थी?

(अ) महाराणा प्रताप

(ब) महाराणा सांगा
(स) महाराणा कुंभा
(द) इनमें से कोई नहीं   
उत्तर - (स)




प्रश्न=5- राणा कुंभा की हत्या किसने की?

(अ) राणा रायमल

(ब) राणा संग्राम सिंह
(स) मोकल
(द) उदा   
उत्तर - (द)




प्रश्न=6- मारवाड़ का प्रताप?

(अ) राव मालदेव

(ब) अमर सिंह
(स) राव चंद्रसेन
(द) इनमें से कोई नहीं  
उत्तर - (स)




प्रश्न=7- भारमल की पुत्री हरका बाई का विवाह किसके साथ किया गया?

(अ) जहांगीर

(ब) अकबर
(स) बाबर
(द) शाहजहां    
उत्तर - (ब)




प्रश्न=8- महेंद्र पाल उत्तराधिकारी था?

(अ) देवराज का

(ब) वत्सराज का
(स) मिहिर भोज का
(द) नागभट्ट का   
उत्तर - (स)




प्रश्न=9- मुहणोत नैणसी ने अपनी ख्यात  में गुहिल की कितनी शाखाओं का उल्लेख किया है ?

(अ) 36

(ब) 29
(स) 20
(द) 24  
उत्तर - (द)




प्रश्न =10- पेहोबा का युद्ध कब हुआ?

(अ) 1541

(ब) 1544
(स) 1537
(द) 1576  
उत्तर - (अ)




 प्रश्न=11चित्तौड़गढ़ में सिसोदिया राजवंश की नियम किसने डाली ?

उत्तर-  सरदार हमीर द्वारा

 प्रश्न=12  भीलो की शक्ति पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए महाराणा कुंभा ने कौन सा दुर्ग बनवाया?

उत्तर- भोमठ का दुर्ग



 प्रश्न=13आबू के परमार ओ का मूल पुरुष कौन था?

(अ) धूमराज

(ब) धुंधक
(स) धारावर्ष
(द) धर्मराज   
उत्तर - (अ)




 प्रश्न=14-राजस्थान की स्थापत्य कला के पिता कौन हैं?

(अ) महाराणा कुंभा

(ब) राणा सांगा
(स) रावत रतन सिंह
(द) राणा हम्मीर  
उत्तर - (अ)




 प्रश्न=15-मारवाड़ के राठौड़ वंश के संस्थापक कौन हैं?

(अ) राव चुंडा

(ब) राव सीहा
(स) राव मालदेव
(द) राव गंगा   
उत्तर - (ब) 



प्रश्न=16-जाटों का प्लेटो किसे कहा जाता है?

(अ) गोकुल जाट

(ब) सूरजमल

(स)बदन सिंह
(द) राजाराम जाट  
उत्तर- (ब) 



प्रश्न=17-मारवाड़ के किस राजा ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की?

(अ) राव जोधा

(ब) राव बीका

(स) राव मालदेव
(द) राव चंद्रसेन 
उत्तर - (द) 



प्रश्न=18-गोहिल वंश के वास्तविक संस्थापक व प्रथम प्रतापी शासक कौन हैं?

(अ) एकलिंग जी

(ब) बप्पा रावल

(स) जैत्र सिंह
(द) रण सिंह  
उत्तर- (ब) 



प्रश्न=19-अकबर द्वारा भगवान दास को महाराणा प्रताप के पास संधि वार्ता के लिए कब भेजा गया?

(अ) सितंबर 1573

(ब) 1572

(स) अक्टूबर 1573
(द) दिसंबर 1573  
उत्तर- (अ) 



प्रश्न=20-केसर ए हिंद की उपाधि से किसे विभूषित किया गया?

(अ) भारमल

(ब) महाराणा सरदार सिंह

(स) महाराणा सज्जन सिंह
(द) महाराणा फतेह सिंह  
उत्तर- (स) 



प्रश्न=21-कौन सा प्रथम शासक था जिसने अंतरजातीय विवाह प्रारंभ करने का प्रयास किया?

(अ) महाराणा प्रताप

(ब) सवाई ईश्वर सिंह

(स) सवाई प्रताप सिंह
(द)जय सिंह   
उत्तर- (द)


 प्रश्न=22-सामंत प्रथा का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है?

(अ) राव रणमल

(ब) राव जोधा

(स) राव गंगा
(द) राव मालदेव 
उत्तर- (ब)




 प्रश्न=23 राजस्थान में चौहानों की राजधानी क्या थी 

A शाकंभरी

B जयपुर 
C बूंदी 
D चित्तौड़गढ़ 
उत्तर- (A)


 प्रश्न=24 परम भट्टारक महाराजा धीराज परमेश्वर की उपाधि किसने धारण की

A पृथ्वीराज प्रथम 

B विग्रहराज 

C अजय राज
D  गोविंद राज्य द्वितीय    
उत्तर- (A) 



प्रश्न=25 दूर्लध्यमेरू के नाम से लोकप्रिय था

A  दुर्लभ राज वित्तीय

B  विग्रहराज 

C अनुराग
D  सवाई जय सिंह  
उत्तर- (A)


 प्रश्न=26 हाड़ौती मे चौहान वंश का संस्थापक था

A  देव सिंह 

B मदन सिंह

C  चूड़ामन
D  रतन सिंह    
उत्तर- (A)


 प्रश्न=27 वैरिधरट्ट की उपाधि किसने धारण की

A  गोविंद राज द्वितीय

B  दुर्लभ राज 

C पृथ्वीराज प्रथम
D चामुण्डराज  
उत्तर- (A) 



प्रश्न=28 सोमेश्वर का पुत्र जो चौहान वंश का सबसे प्रसिद्ध अंतिम शासक था जो राय पिथौर के नाम से प्रसिद्ध था वह है

A पृथ्वीराज द्वितीय 

B पृथ्वीराज तृतीय

C  ललित विग्रहराज
D  विग्रहराज चतुर्थ  
उत्तर- (B) 



प्रश्न=29 तारागढ़ किले का निर्माण अजमेर में किस सन में किया गया

A  1113 ईस्वी 

B 1110 ईस्वी 

C 1542 ईस्वी 
D 1153 ईस्वी 
उत्तर- (A) 



प्रश्न=30 कोटा नाम रखा गया

A राव रतन सिंह के नाम पर 

B कोटिया भील के नाम पर 

C फौजदार जालिम सिंह के नाम पर 
D मदन सिंह के नाम पर  
उत्तर- (B)